फूल गोभी की खेती कब करें
फूलगोभी भारत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण सब्जी व फल है| फूल गोभी की खेती पुरे साल की जाती है| दोनों की खेती भारत में व्यापक स्तर पर की जाती है|
फूलगोभी का भारत में आगमन मुगल काल से माना जाता है| भारत में इसकी खेती लगभग 3,000 हेक्टेयर में की जाती है| इसका उत्पादन करीब-करीब 6,85,000 टन होता है| इसकी ज्यादातर खेती शीतल स्थानों पर की जाती है| इसमें भी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा होती है जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए और सी प्रमुख है|
सब्जी व फल है| फूल गोभी की खेती पुरे साल की जाती है| दोनों की खेती भारत में व्यापक स्तर पर की जाती है|
फूलगोभी का भारत में आगमन मुगल काल से माना जाता है| भारत में इसकी खेती लगभग 3,000 हेक्टेयर में की जाती है| इसका उत्पादन करीब-करीब 6,85,000 टन होता है| इसकी ज्यादातर खेती शीतल स्थानों पर की जाती है| इसमें भी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा होती है जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए और सी प्रमुख है|
1.उपयुक्त जलवायु:
पौधों की अच्छी बढवार लिए ठंडी तथा आर्द्र जलवायु अच्छी होती है| अधिक ठंड और पाले के प्रकोप से फसल को नुकसान होता है| इसकी अच्छी पैदावार के लिए 15 से 20 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान सर्वोत्तम होता है|
2.भूमि एवं तैयारी
फूलगोभी की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है| खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करते है इसके बाद दो तीन जुताई देसी हल या कल्टीवेटर से करने के बाद खेत में पाटा लगाकर समतल एवं भुरभुरा कर लेना चाहिए
परन्तु खेत में पानी के निकास का उचित प्रबंध होना अति आवश्यक हैI
3.बुवाई का समय-
१. अगेती किस्मों के लिए अगस्त-सितम्बर मैदानी क्षेत्रों के लिए
२. पछेती किस्मों के लिए सितंबर-अक्टूबर मैदानी क्षेत्रों के लिए
३. पहाड़ी क्षेत्रों के लिए मार्च से जून|
4.फूलगोभी के पौधे कैसे तैयार करें?
पौधे तैयार करने के लिए भूमि तैयार होने पर लगभग 0.75 मीटर चौड़ी, 5 से 10 मीटर लम्बी, 15 से 20 सेंटीमीटर ऊंची क्यारियाँ बना लेनी चाहिए। दो क्यारियों के बीच में 40 से 50 सेंटीमीटर चौड़ी नाली पानी देने तथा अन्य क्रियाओं करने हेतु बनानी चाहिए बीज डालने से पहले 5 किलो गोबर की खाद प्रति क्यारी मिला देनी चाहिए बीज को 2.5 से 5 सेंटीमीटर दूरी की कतारों में डालना चाहिए। क्यारियों में बीज बुवाई के बाद सड़ी गोबर की खाद से बीज को ढक देना चाहिए। इसके 1 से 2 दिन बाद हजारे से पानी क्यारियों को देना चाहिए
5.उन्नत किस्में
फूलगोभी को तीन भागों में बांटा जा सकता है
१.अगेती;अगेती किस्मों में अर्ली कुवारी, पूसा कृतिका, समर किंग आदि का नाम प्रमुख है
२.मध्यम;मध्यम किस्मों में पन्त शुभ्रा, पूसा शुभ्रा, पूसा सिंथेटिक आदि लोकप्रिय है
३.पछेती:पछेती किस्मों में पूसा स्नोबॉल- 1, पूसा स्नोबॉल- 2 आदि किस्में हैं।
6.ऐसे करें रोपाई
फूलगोभी की रोपाई में कतार से कतार एवं पौधे से पौधे की दूरी का ख्याल रखना जरूरी है. विशेषज्ञों की मानें तो कतार से कतार एवं पौधे से पौधे की दूरी 40 से 40 सेमी होनी चाहिये. जबकि पछेती किस्मों के लिए कतार से कतार और पौधे से पौधे की दूरी लग भाग 55 से 45 सेमी के होनी चाहिये.
7.सिंचाई:
इसकी रोपाई के बाद तुरंत पहली सिंचाई करें। मिट्टी, जलवायु, के आधार पर गर्मियों में 7-8 दिनों और सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करें।
8.पौधे की देखभाल:
रस चूसने वाले कीड़े:
ये पत्तों का रस चूस कर उन्हें पीला कर देते हैं और गिरा देते हैं, साथ ही पत्ते भी मुड़ जाते हैं और ठूठी के आकार के हो जाते है
यदि हमला दिखे तो इमिडाक्लोप्रिड 17.8ml 60 ml को 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
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चमकीली पीठ वाला पतंगा:
फूलगोभी का एक महत्तवपूर्ण कीड़ा, जो कि पत्तों के नीचे की ओर अंडे देता है। हरे रंग की सुंडी पत्तों को खाती है और उनमें छेद कर देती है यदि इसे ना रोका जाए लगभग तो 80-90 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है।
9.बीमारियों की रोकथाम
सूखा : इसके साथ फसल पीली पड़ जाती है और पत्ते गिर जाते हैं और सारा पौधा सूख जाता है। यह जड़ों के गलने से भी हो सकता है। इसे रोकने के लिए टराईकोडरमा बायो फंगस 2.5 किलो को प्रति 500 लीटर पानी में मिलाकर पौधे की जड़ों के नज़दीक डालें
10.फसल की कटाई
पौध रोपण के 3 से 3½ माह में सब्जी योग्य फूल तैयार हो जाते है। फसल की अवधि 60 से 120 दिन की होती है। प्रति हेक्टेयर 100 से 250 क्विंटल फुल प्राप्त होता है पूरा फूल विकसित होने पर सुबह के समय फूलों की कटाई की जा सकती है।
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Q1.फूलगोभी का भारत में उत्पादन स्थान कौन सा है?
Ans.भारत 8,199,000 टन वार्षिक उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर आता है।
Q2. फूलगोभी कौन कौन से विटामिन पाये जाते है?
Ans.फूलगोभी में विटामिन ए और सी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है।
Q3.फूलगोभी का वानस्पतिक नाम क्या है?
Ans.फूलगोभी का वानस्पतिक नाम ब्रेसिका ओलेरेसिया किस्म, बोट्राइटिस है।
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