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Krishna

Dhan Ki Kheti-धान की खेती कैसे करें?

धान की खेती की पूरी जानकारी

धान एक वर्षा ऋतु की फसल है, इसलिए इसकी खेती जुलाई-अगस्त महीने में की जाती है. धान की रोपाई करने से पहले इसके बीजों की नर्सरी तैयार की जाती है और नर्सरी तैयार होने के 21 से 25 दिन बाद धान के पौधों की रोपाई की जाती है.धान की रोपाई दो प्रकार से की जाती है:

  • सीधी रोपाई: सीधी रोपाई में बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है. यह विधि कम लागत वाली होती है, लेकिन इस विधि में पौधों की अंकुरण दर कम होती है और फसल की पैदावार भी कम होती है.

  • नर्सरी रोपाई: नर्सरी रोपाई में बीजों को पहले नर्सरी में उगाया जाता है और फिर 21 से 25 दिन बाद नर्सरी से पौधों को खेत में रोपा जाता है. यह विधि अधिक लागत वाली होती है, लेकिन इस विधि में पौधों की अंकुरण दर अधिक होती है और फसल की पैदावार भी अधिक होती है

dhan ki kheti-धान की खेती की पूरी जानकारी, कैसे कम करें लागत और कमाएं
Dhan Ki kheti

धान की रोपाई के बाद खेत में पानी भर दिया जाता है. धान के पौधे पानी में उगते हैं और पानी के कारण पौधों को अधिक नमी मिलती है. धान के पौधे को 2 से 3 बार खाद देनी होती है. पहली खाद बुवाई के 20 दिन बाद देनी होती है, दूसरी खाद 40 दिन बाद देनी होती है और तीसरी खाद 60 दिन बाद देनी होती है. धान के पौधे को खरपतवार से भी बचाना होता है. खरपतवार को हाथ से या खरपतवारनाशक दवाओं का उपयोग करके हटाना होता है.


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धान की फसल को कटाई के लिए तैयार होने में लगभग 120 दिन लगते हैं. फसल की कटाई के लिए धान के पौधों को काटकर और उन्हें सुखाकर चावल प्राप्त किया जाता है.


धान की खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण सवाल और जवाब इस प्रकार हैं:

1. धान की बुवाई का सही समय क्या है?

धान की बुवाई का सही समय क्षेत्र और जलवायु के आधार पर बदलता रहता है. भारत में धान की बुवाई आमतौर पर जुलाई से सितंबर के महीने में की जाती है.

2. धान की बुवाई के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी है?

धान की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी दोमट मिट्टी है. दोमट मिट्टी में पानी और हवा का उचित संतुलन होता है, जो धान के पौधों के विकास के लिए आवश्यक है.

3. धान की बुवाई के लिए कौन सा बीज सबसे अच्छा है?

धान की बुवाई के लिए उन्नत किस्म के बीज का उपयोग करना चाहिए. उन्नत किस्म के बीज अधिक उपज देने वाले होते हैं और उनमें रोगों और कीटों के प्रतिरोध की क्षमता होती है.

4. धान की बुवाई के लिए क्या खाद और उर्वरक का उपयोग करना चाहिए?

धान की बुवाई के लिए फसल के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों की भरपाई करने वाली संतुलित उर्वरक का उपयोग करना चाहिए. धान की बुवाई के लिए आमतौर पर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम की उर्वरकों का उपयोग किया जाता है.

5. धान की बुवाई के बाद क्या देखभाल करनी चाहिए?

धान की बुवाई के बाद खेत में पानी भरना चाहिए. धान के पौधों को 2 से 3 बार खाद देनी चाहिए. पहली खाद बुवाई के 20 दिन बाद देनी चाहिए, दूसरी खाद 40 दिन बाद देनी चाहिए और तीसरी खाद 60 दिन बाद देनी चाहिए. धान के पौधों को खरपतवार से भी बचाना होता है. खरपतवार को हाथ से या खरपतवारनाशक दवाओं का उपयोग करके हटाना होता है.

6. धान की कटाई का सही समय क्या है?

धान की कटाई का सही समय क्षेत्र और जलवायु के आधार पर बदलता रहता है. भारत में धान की कटाई आमतौर पर नवंबर से दिसंबर के महीने में की जाती है.

7. धान की कटाई के बाद क्या करना चाहिए?

धान की कटाई के बाद धान के पौधों को सुखाना चाहिए. धान के पौधों को सुखाने के लिए उन्हें धूप में या ओस में रखना चाहिए. धान के पौधे सूख जाने के बाद उन्हें पीसकर चावल प्राप्त किया जाता है.

8. धान की खेती से होने वाले लाभ क्या हैं?

धान की खेती से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं:

  • धान एक महत्वपूर्ण खाद्य फसल है.

  • धान की खेती से अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है.

  • धान की खेती से रोजगार का सृजन होता है.

  • धान की खेती से पर्यावरण को भी लाभ होता है.

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