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Krishna

UP Property Registration:जमीन रजिस्ट्री कैसे करवाएं?

अगर आप जमीन, प्लॉट या घर (Property ,Plots or Home) खरीदना या बेचने जा रहे हैं। तो किन किन बातो का ध्यान रखने की जरुरत है जिससे जमीन रजिस्ट्रशन के बाद कोर्ट कचेहरी के चक्कर न लगाने पड़े।






जमीन रजिस्ट्री की फीस उत्तर प्रदेश 2023


जमीन खरीदने के बाद जमीन का रजिस्ट्री कराना होता है जिससे जमीन के कानूनी मालिकाना हक़ आप का हो जाये। अधिकतर लोगों को जमीन रजिस्ट्री करवाने के बारे में ठीक से जानकारी नहीं मिल पाती है। कई लोग बिचौलियों के संपर्क में चले जाते है और वह गलत तरीके से जमीन रजिस्ट्री करवा लेते हैं जिसके कारण अपनी जिंदगी की कमाई गवा देते हैं।


तो हम आज इस पोस्ट में जमीन रजिस्ट्री कैसे करवाएं, रजिस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज इत्यादि के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।


जमीन रजिस्ट्री क्या होता है?



भारत में जमीन रजिस्ट्री सरकार द्वारा बनाई गई एक कानूनी प्रक्रिया है। जिसकी सहायता से जमीन का खरीदार उस जमीन पर अपना अधिकार स्थापित कर सकता है। बिना जमीन रजिस्ट्री के कोई भी व्यक्ति उस जमीन का असली हकदार नहीं कहलाया जा सकता हैं।


आजकल जमीन रजिस्ट्री करवाना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि बिना रजिस्ट्री के जमीन भू माफिया उस जमीन को हड़प भी सकते हैं।


जमीन रजिस्ट्री के फायदे

अगर आप अपना घर बनवाने के लिए जमीन खरीदे हैं तो बिना देर किए जमीन का रजिस्ट्री करवाएं। नीचे जमीन रजिस्ट्री करवाने के फायदे बताए गए हैं।

  • जमीन का रजिस्ट्री करवाने से आप उस जमीन के असली मालिक हो जायेंगे।

  • जमीन रजिस्ट्री करवाने के बाद कोई भी आप की जमीन पर वैध तरीके से कब्जा नहीं कर सकता है।

  • जमीन रजिस्ट्री के बाद आप सरकारी आंकड़े में भू मालिक हो जायेंगे जिसके बाद सरकारी योजना का लाभ मिल सकता है।

  • जमीन रजिस्ट्री करवाने के बाद किसी कारणवश जमीन को बेचना चाहते हैं तो बेचना आसान हो जाएगा।


जमीन खरीदने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट

जमीन खरीदना एक कानूनी प्रक्रिया है इसका पालन करना बेहद जरूरी है इसीलिए जमीन खरीदते वक्त कुछ डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पड़ता है जो नीचे दर्शाया गया है।

जमीन रजिस्ट्री कैसे करवाएं?

अगर आपने जिंदगी में मेहनत की कमाई से जमीन खरीदा है और इसे बर्बाद होने नहीं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए जमीन रजिस्ट्री कैसे करवाएं के स्टेप को फॉलो करके जमीन को अपने नाम जरूर करवाएं।


स्टेप 1- जमीन के सरकारी रेट पता करें

जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पहले अपने राज्य के राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से उस जमीन की सरकारी रेट का पता करें। क्योंकि रजिस्ट्री के समय सरकारी रेट के अनुसार ही स्टांप ड्यूटी लगता है। सरकारी रेट पता करने से स्टांप ड्यूटी में लगने वाला पैसों की जानकारी हासिल हो जाएगा।


स्टेप 2- स्टांप ड्यूटी पेपर खरीदे

जमीन खरीदने वाले व्यक्ति को कोर्ट में जाकर स्टांप ड्यूटी पेपर खरीदना पड़ता है। अगर आप कोर्ट नहीं जा सकते हैं तो ऑनलाइन भी स्टांप ड्यूटी पेपर खरीद सकते हैं।


इसके अलावा रजिस्ट्रार ऑफिस में बैठे कर्मचारी भी कुछ फीस लेकर स्टांप ड्यूटी पेपर देते है। ध्यान रहे स्टांप ड्यूटी सरकारी रेट के अनुसार बनते हैं चाहें आपने जमीन किसी भी रेट में खरीदे हो।


स्टेप 3 - जमीन बेचने और खरीदने का पेपर बनवाए

स्टांप ड्यूटी पेपर खरीदने के बाद आपको अपने रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर जमीन रजिस्ट्री के पेपर तैयार करवाना है। इसके अलावा रजिस्ट्री पेपर बनवाने के लिए आप वकील के पास भी जा सकते हैं।

इस पेपर में जमीन के मालिक का नाम, जमीन कितने में बेचा गया, जमीनों को कौन खरीद रहा है, जमीन कहां पर स्थित है इत्यादि के बारे में साफ-साफ लिखा जाता है। इसके अलावा जमीन बेचने और खरीदने से संबंधित कानूनी नियम व शर्तें लिखे जाते हैं। इन सभी जानकारी को आप ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें।


स्टेप 4 - रजिस्ट्रार के पास जमीन रजिस्ट्री के लिए जाएं

रजिस्ट्री पेपर बनाने के बाद जमीन खरीदने और बेचने वाले दोनों व्यक्ति को एक साथ रजिस्ट्रार के पास जाना होता है। रजिस्ट्रार के पास दो गवाहों की जरूरत होती है। जमीन की रजिस्ट्री पेपर और सभी लोगों का आधार कार्ड जमा करें। रजिस्ट्रार जमीन खरीदने वाला और बेचने वाले से जमीन से संबंधित कुछ सवाल पूछेंगे जिसका सही जवाब देना है।


फिर क्रेता और विक्रेता के हस्ताक्षर, सभी अंगुलियों के निशान और आंखों को स्कैन किया जाएगा। जिसके बाद रजिस्टार आपके पेपर की जांच पड़ताल करने के बाद वेरीफाई करेंगे और आपको एक रसीद देंगे जिसे संभाल कर रखना होता है।


स्टेप 5 जमीन की रजिस्ट्री लेने जाना है


राजस्व विभाग के द्वारा कुछ समय बाद आपके जमीन के डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल किया जाता है। जांच पड़ताल की प्रक्रिया पूरा होने के बाद आप रसीद दिखाकर अपनी जमीन के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर प्राप्त करें।

स्टेप 6 - जमीन का रिकॉर्ड ऑनलाइन चेक करे

जमीन रजिस्ट्री की ओरिजिनल डॉक्यूमेंट प्राप्त करने के बाद आप ऑनलाइन जमीन का रिकॉर्ड देखकर उनमें सुधार करवा सकते हैं। क्योंकि जमीन की रजिस्ट्री हो जाने के बाद भी ऑनलाइन में पुराने मालिक का नाम सेव रहता है।


नोट:- जमीन की रजिस्ट्री का पूरा प्रोसेस अच्छे वकील की देखरेख में पूरा करना चाहिए। क्योंकि रजिस्ट्री के समय किसी प्रकार की गलती आप को भारी नुकसान दे सकता है। अगर बिना वकील के रजिस्ट्री करते हैं और रजिस्ट्री करने में किसी प्रकार की त्रुटि हो जाती है तो भूमि माफिया आपकी जमीन पर कब्जा भी कर सकता है।

हरिजन की जमीन कैसे खरीदे?

अगर भारत में हरिजन की जमीन किसी सामान्य वर्ग के व्यक्ति को खरीदना है तो जमीन खरीदने की प्रोसेस थोड़ा कठिन हो जाता है।

हरिजन की सुरक्षा के लिए भारत में कई कानून बनाये गए है जो उन्हें तो सुरक्षा प्रदान करता है लेकिन कभी-कभी दूसरे वर्ग के लिए परेशानी पैदा करते हैं। हरिजन की जमीन खरीदते समय भी इन परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करके सामान्य वर्ग के लोग हरिजन की जमीन खरीद सकते हैं।

  • सबसे पहले हरिजन की जमीन खरीदने के लिए उस जमीन की भाव तय करें।

  • जमीन की मूल्य तय कर लेने के बाद जिलाधिकारी से परमिशन लेना पड़ता है।

  • हरिजन की जमीन खरीदने के लिए अपने क्षेत्र के जिला अधिकारी के पास जमीन के मालिक और खरीदार को जाना पड़ता है। जमीन के हरिजन मालिक को जिलाधिकारी को एक आवेदन देना होता है जिसमें अपनी मर्जी से जमीन को बेचने के बारे में दर्शाना होता है।

  • अगर उस एप्लीकेशन फॉर्म पर जिलाधिकारी मोहर लगा देते हैं तो तो आप हरिजन की जमीन खरीद सकते हैं।

  • उसके बाद जिलाधिकारी से प्राप्त एप्लीकेशन और जमीन के पेपर के साथ रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर जमीन की रजिस्ट्री करवा सकते हैं।

जमीन खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?

अगर आप जमीन खरीदे के लिए सोच रहे हैं तो जमीन खरीदने से पहले कुछ सावधानी रखनी चाहिए जिससे बाद में आपको परेशानी ना झेलना पड़े।

  • जमीन खरीदने से पहले उस जमीन के बारे में सभी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।

  • जमीन खरीदने से पहले उस जमीन के बिजली, पानी इत्यादि के बिल की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। ताकि बाद में आपको उन बकाया बिल का बोझ न झेलना पड़े।

  • जमीन के बाजार मूल्य की जानकारी हासिल जरूर करें।

  • जमीन खरीदने से पहले यह जानना चाहिए कि उस जमीन पर किसी प्रकार का केस मुकदमा तो नहीं चल रहा हो।

  • जमीन खरीदने से पहले जमीन की सभी विवरण जैसे जमीन के मालिक का नाम, जमीन के हिस्सेदार कितने हैं, कितना जमीन है इत्यादि की जानकारी जरूर एकत्रित करें।

  • जमीन खरीदने से पहले उस जमीन के अगल-बगल सभी जमीन मालिकों से संपर्क करके जमीन की शुद्धता एवम स्पष्टता की जांच करनी चाहिए।

जमीन को अपने नाम कैसे करवाएं?

अगर आपने किसी जमीन को दूसरे व्यक्ति से खरीदा है तो नीचे दिए गए स्टेट को फॉलो करके आप उस जमीन को अपने नाम करवा सकते हैं।

  • जमीन को अपने नाम करवाने के लिए सबसे पहले उसी जमीन के सरकारी रेट के बारे में जानकारी हासिल करना होगा।

  • जमीन को अपने नाम करवाने के लिए स्टांप ड्यूटी पेपर बनवाना पड़ता है। स्टांप ड्यूटी पेपर कोर्ट में आसानी से उपलब्ध होता है। स्टांप ड्यूटी पेपर सरकारी रेट के अनुसार ही बनता है।

  • स्टांप पेपर बनाने के बाद जमीन के खरीदने का पेपर बनवाएं।

  • क्रेता और विक्रेता स्टांप ड्यूटी पेपर और जमीन खरीदने का पेपर के साथ रजिस्ट्रार के पास जाएं।

  • रजिस्ट्रार कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरा करेगा। फिर सत्यापन करने के बाद उस जमीन को आपके नाम कर देगा।

भूमि कब खरीदनी चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि खरीदने और बिक्री करने के लिए कुछ शुभ मुहूर्त बताएं गए है। भूमि खरीदने का शुभ दिन गुरुवार और शुक्रवार को बताया गया है। इसके अलावा शास्त्र में सोमवार 12 बजे के बाद भूमि खरीदने का सुबह मुहूर्त दर्शाया गया है।


यूपी में सर्किल रेट का क्या मतलब है?
सर्किल रेट यूपी सरकार द्वारा तय की गई एक न्यूनतम संपत्ति दर है जिसके आगे संपत्ति का लेनदेन नहीं हो सकता है।


जमीन का सरकारी रेट कैसे पता करें
किसी भी जमीन का सरकारी रेट पता करने के लिए संबंधित विभाग की ऑफिसियल वेबसाईट पर जाना होता है। बिहार की सरकारी रेट पता करने का पूरा प्रोसेस हमने ऊपर लेख मे बता दिया है। आप पढ़कर आसानी से बिहार राज्य की जमीन का सरकारी रेट पता कर सकते है।

यूपी में स्टांप शुल्क कितना है?
यूपी में स्टांप शुल्क शुल्क पुरुषों के लिए 7%, महिलाओं के लिए 6% और पंजीकरण शुल्क 1% है।


1 comentario


Miembro desconocido
10 oct 2023

Amit kumar

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