हाल ही में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से NATO पर चर्चाएं बढ़ गई हैं। यूक्रेन ने NATO का सदस्य बनने की कोशिश की थी, लेकिन रूस ने इसका विरोध किया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि यूक्रेन NATO का हिस्सा बने। ऐसे में जानना ज़रूरी है कि NATO वास्तव में क्या है-
NATO यानि North Atlantic Treaty Organization एक रक्षा संगठन है जिसकी स्थापना 1949 में हुई थी। इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों की सुरक्षा करना और उनपर हमले की स्थिति में एक-दूसरे की मदद करना है।
NATO के 30 सदस्य देश हैं जिनमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। भारत NATO का सदस्य नहीं है क्योंकि यह मूल रूप से एक यूरोप केंद्रित सैन्य गठबंधन है। भारत ने हमेशा गुट-निरपेक्ष नीति का पालन किया है।
Who is NATO and what is its purpose?
NATO is the full name of the North Atlantic Treaty Organization. It is the purpose of this term to guarantee the safety and freedom of its members
नाटो (NATO) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो राजनीतिक और सैन्य साधनों के माध्यम से अपने सदस्य देशों को स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देता है। इसे 1949 में बनाया गया था। NATO: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किया गया था नाटो का गठन।
1949 में स्थापना, 31देश हैं सदस्य
उत्तर अटालांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Orgnization or NATO) उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों का एक सैन्य संगठन है। इसकी स्थापना 1949 में हुई थी। नाटो का उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य माध्यमों से अपने सदस्यों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देना है। सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद बने इस संगठन का उस समय मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ के बढ़ते दायरे को सीमित करना था। नाटो जब बना तो अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड्स, नॉर्वे और पुर्तगाल इसके 12 संस्थापक सदस्य थे। वर्तमान में इसके सदस्यों (NATO Countries) की संख्या 31 है। फ़िनलैंड 4 अप्रैल 2023 को इसमें शामिल होने वाले सबसे नया मेंबर है।
उत्तरी अटलाण्टिक सन्धि संगठन (अंग्रेज़ी: North Atlantic Treaty Organization, NATO ; देवनागरी: नॉर्थ ऍटलाण्टिक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन, नाटो ) एक सैन्य गठबन्धन है, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है।
नाटो के गठन के समय जो समझौता हुआ था उसके तहत इसमें शामिल होने वाले सभी यूरोपीय देशों के लिए खुले दरवाजे की नीति अपनाई गई थी। इसके तहत इसमें कोई भी यूरोपीय देश शामिल हो सकता था। इसके साथ ही इसमें सदस्य देशों के लिए एक सुरक्षा का प्रावधान भी था। इसमें साझा सुरक्षा को लेकर एक घोषणा पत्र में अुनच्छेद भी है। इसके तहत इसके तहत कहा गया है कि यदि कोई बाहरी देश इसके सदस्य देशों पर हमला करता है तो फिर सभी सदस्य देश मिलकर उसकी रक्षा करेंगे। चूंकि, यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है ऐसे में नाटो के देश सीधे तौर पर उसकी मदद के लिए आगे नहीं आ सकते हैं। हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा सीधे तौर पर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।
नाटो में कौन कौन से देश शामिल है?
नाटो (NATO) के सदस्यों की सूची।
1949 में नाटो के मूल सदस्य बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका थे। लेकिन अब सदस्य देशों की संख्या 31 पंहुच गई है।
Nato Countries List 2023
Albania (2009)
Belgium (1949)
Bulgaria (2004)
Canada (1949)
Croatia (2009)
Czech Republic (1999)
Denmark (1949)
Estonia (2004)
France (1949)
Germany (1955)
Greece (1952)
Hungary (1999)
Iceland (1949)
Italy (1949)
Latvia (2004)
Lithuania (2004)
Luxembourg (1949)
Montenegro (2017)
Netherlands (1949)
North Macedonia (2020)
Norway (1949)
Poland (1999)
Portugal (1949)
Romania (2004)
Slovakia (2004)
Slovenia (2004)
Spain (1982)
Turkey (1952)
United Kingdom (1949)
United States (1949)
NATO का सदस्य कौन बन सकता है?
नाटो का सदस्य बनने के लिए यूरोपीय देश होना जरूरी शर्त है। हालांकि, अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से नाटो ने कई अन्य देशों से भी अपने संपर्क स्थापित किए हैं। अल्जीरिया, मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को और ट्यूनिशिया भी नाटो के सहयोगी हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी नाटो की भूमिका रही है।
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