ग्राम प्रधान की सैलरी कितनी है
UP Gram Pradhan ki Salary बताने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर ग्राम प्रधान का चुनाव कैसे होता है. दरअसल, पंचायत चुनाव तीन स्तरीय होता है. पहला स्तर होता ग्राम पंचायत. जिसके लिए लोग ग्राम प्रधान का चयन करते हैं. सबसे ज्यादा उम्मीदवारी भी प्रधान पद के लिए देखने को मिलती है.
ग्राम प्रधान के लिए आम चुनाव होते हैं और गांव की जनता अपना प्रधान चुनती है और इस चुनाव में किसी भी पार्टी का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. प्रधान का पद खाली होने पर पुन: सीधे मतदान के जरिये होता है. यदि प्रधान का पद 6 माह से कम समय के लिए खाली हो तो चुनाव नहीं कराया जाएगा.
UP Gram Pradhan Salary: जानें यूपी में ग्राम प्रधान को कितनी सैलरी मिलती है? पैसा बढ़ाने को लेकर सरकार ने कर दिया है बड़ा ऐलान
अभी कितनी सैलरी है
उत्तर प्रदेश सरकार हर वित्तिय वर्ष में विकास निधि के अंतर्गत पंचायतों के विकास के लिए बजट निश्चित करती है. इसके अलावा सरकार द्वारा प्रधान को हर माह 3500 रुपए दिए जाते हैं.
जबकि क्षेत्र के पंचायत प्रमुख को 9,800 रुपए प्रति माह और जिला पंचायत अध्यक्ष को 14 हजार रुपए प्रति माह वेतन के तौर पर दिया जाता है. हालांकि पंचायत के अन्य प्रतिनिधियों को कोई निश्चित वेतन नहीं मिलता है.
उन्हें सरकार द्वारा हर बैठक के हिसाब से पैसा दिया जाता है. जिला पंचायत सदस्यों को प्रति बैठक एक हजार रुपए और क्षेत्र पंचायत सदस्यों को प्रति बैठक पांच सौ रुपए दिए जाते हैं.
योगी सरकार ने चुनाव से पहले बढ़ाई सैलरी
पंचायत प्रतिनिधियों को उपहार प्रधानों को ₹5,000, प्रमुख को ₹11,300 व जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रतिमाह मिलेंगे ₹15,500
उत्तर प्रदेश में अब चुनाव होने हैं ऐसे में योगी सरकार ने वेतन सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाने का फैसला किया है.
अब प्रधान को पांच हजार रुपए, क्षेत्र पंचायत प्रमुख को 11,300 रुपए और जिला पंचायत अध्यक्ष को 15,500 रुपए प्रति माह देने का फैसला किया है. इसके
जिला पंचायत सदस्य को 1500 रुपए और क्षेत्र पंचायत सदस्य को एक हजार रुपए प्रति बैठक दिया जाएगा.
इसके अलावा ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अध्यक्ष की मौत होने पर परिजनों को दस-दस लाख रुपए दिए जाएंगे.
ग्राम पंचायत सदस्य के निधन पर दो लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य के निधन पर तीन लाख और जिला पंचायत सदस्य के निधन पर पांच लाख रुपए दिए जाएंगे.
क्या होते हैं ग्राम पंचायत के अधिकार?
ग्राम पंचायत के पास सार्वजनिक सड़कों, जलमार्गों और अन्य मामलों के संबंध में कई अधिकार हैं. ग्राम पंचायत नए पुलों, पुलियों का निर्माण कर सकती है. किसी सार्वजनिक सड़क, पुलिया या पुल का मार्ग बदल सकती है, उसे बंद कर सकती है या समाप्त कर सकती है. ग्राम पंचायत लघु सिंचाई योजनाएं शुरू कर सकती है. सार्वजनिक सड़क पर निकली हुई झाड़ी या वृक्ष की डाल को काट सकती है. साथ ही शौचालय, मूत्रालय, नाबदान (water closet), नाली, नलकूप या गंदगी करने वाले, गंदे पानी या कूड़ा-करकट के स्थानों को बंद कराने, बदलने, मरम्मत करने, साफ करने, कीटाणुरहित करने या उसे अच्छी हालत में बनाने का अधिकार ग्राम पंचायत के पास है.
कैस खर्च की जाती है विकास की राशि?
जब कोई योजना पास की जाती है, तो उसकी राशि इसी ज्वाइंट खाते से निकाली जाती है. सचिव प्रशासनिक पदाधिकारी होते हैं, जबकि ग्राम प्रधान जनता के प्रतिनिधि. दोनों के हस्ताक्षर से इस खाते से राशि निकाली जाती है. और फिर सड़क, नाला, सफाई, सामुदायिक भवन निर्माण और अन्य योजनाओं में खर्च की जाती हैं. दोनों में से कोई भी अकेले पैसों की निकासी नहीं कर सकते हैं.
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FAQ
सरपंच का पावर क्या होता है?
सरपंच ग्राम पंचायत का प्रमुख होता है। सरपंच भारत में स्थानीय स्वशासन के लिए गांव स्तर पर विधिक संस्था ग्राम पंचायत का प्रधान होता है। पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के गॉवों में भी यह प्रसाशन प्रणाली पायी जाती है। सरपंच चुने गए पंचों की मदद से ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेता है।
सरपंच का फुल फॉर्म क्या है?
सरपंच ग्राम पंचायत का प्रमुख होता है। सरपंच भारत में स्थानीय स्वशासन के लिए गांव स्तर पर विधिक संस्था ग्राम पंचायत का प्रधान होता है। पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के गॉवों में भी यह प्रसाशन प्रणाली पायी जाती है। सरपंच चुने गए पंचों की मदद से ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेता है।
सरपंच को कैसे हटाया जा सकता है?
अधिनियम की धारा 245 के अनुसार पंचायत के एक उप-सरपंच को पंचायत के अधिकांश सदस्यों द्वारा विधिवत पारित अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है।
ग्राम पंचायत के लिए धन के स्रोत क्या हैं?
पंचायतों की आय के प्रमुख स्रोतों को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है। प्रांतीय सरकार से प्राप्त अनुदान। भू राजस्व की धनराशि के अनुसार पंचायत कर। विभिन्न मनोरंजन के कार्यों से संबंधित मनोरंजन कर।
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत की सीमा आमतौर पर 5,000 से 10,000 लोगों की होती है। ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत का प्रमुख होता है और उसे ग्राम पंचायत के विकास और प्रशासन के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
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